दोहा 1: मन चंगा तो कठौती में गंगा।
अर्थ: शुद्ध मन से हर कार्य पवित्र हो जाता है।
दोहा 2: पापी का पछतावा क्या, जब दिन फिरते नहीं।
अर्थ: पाप का पश्चाताप तभी होता है जब कर्म सही दिशा में बदलें।
दोहा 3: सबका मालिक एक है।
अर्थ: भगवान एक हैं, और सभी जीवों में उनका वास है।
दोहा 4: रविदास का ध्यायो, तो जीवन में भलाइ।
अर्थ: संत रविदास का स्मरण करने से जीवन में शांति और सुख आता है।
दोहा 5: जो अपने आप को समझे, वह तो काहे का गुरु।
अर्थ: स्वयं की समझ ही सच्चे ज्ञान का स्रोत है।
दोहा 6: संतों की जाति न पूछो, वे तो सबके पाले में हैं।
अर्थ: संत सभी जातियों से ऊपर होते हैं, उनका कोई भेदभाव नहीं होता।
दोहा 7: मन की बात कहे बिना नहीं मानता, गुरु के पास चुपके से हर बात बयां होती है।
अर्थ: व्यक्ति अपनी मन की बात गुरु या ईश्वर से बांटता है जिससे समाधान मिलता है।
दोहा 8: सत्य का पथ अपनाओ, भ्रम का त्याग करो।
अर्थ: सत्य की ओर बढ़ें और झूठ तथा भ्रम से दूर रहें।
दोहा 9: प्रेम में विनम्रता हो, अहिंसा में सच्चाई हो।
अर्थ: सच्चे प्रेम और अहिंसा का आधार विनम्रता तथा सत्य है।
दोहा 10: कर्म की डोर थाम, अपने भाग्य को चमका।
अर्थ: कर्म करें और अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाएं।
दोहा 11: सच्चाई का रास्ता अपनाओ, झूठ से हमेशा दूर रहो।
अर्थ: सत्य और ईमानदारी से ही जीवन में सफलता मिलती है।
दोहा 12: दया और करुणा का संदेश फैलाओ, हर दिल में प्रेम जगाओ।
अर्थ: दया और करुणा से समाज में भाईचारे का निर्माण होता है।
दोहा 13: आत्मा की खोज करो, बाहरी शोभा त्यागो।
अर्थ: आत्मिक ज्ञान ही सच्चा सौंदर्य है, बाहरी भेष से मुक्त रहें।
दोहा 14: अपनी पहचान से ज्यादा, अपने कर्मों पर ध्यान दो।
अर्थ: व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों से निर्धारित होती है।
दोहा 15: जीवन में सच्चाई का दीप जलाओ, अज्ञान के अंधेरे को मिटाओ।
अर्थ: सत्य का अनुसरण कर अज्ञानता को दूर करें।
दोहा 16: गुरु का ध्यान कर, आत्मा को उजागर कर।
अर्थ: गुरु के उपदेशों से आत्मज्ञान प्राप्त करें।
दोहा 17: सरलता में शक्ति है, विनम्रता में पराक्रम है।
अर्थ: विनम्रता और सरलता से जीवन में महानता आती है।
दोहा 18: प्रभु की भक्ति में ही सुकून है, संसार के मोह माया से दूर रहो।
अर्थ: भक्ति से ही मन को शांति और सुकून मिलता है।
दोहा 19: कर्म करते रहो निरंतर, फल पर न लगाओ ध्यान।
अर्थ: अपने कर्म पर ध्यान दें, फल की चिंता न करें।
दोहा 20: समय का सदुपयोग करो, हर पल को अपना बनाओ।
अर्थ: समय का सही उपयोग जीवन में सफलता का मूल मंत्र है।
दोहा 21: प्रेम से सबका दिल जीत लो, दुश्मनी से दूर रहो।
अर्थ: प्रेम और भाईचारे से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाओ।
दोहा 22: ज्ञान की खोज में सदैव अग्रसर, मूर्खता को करो नष्ट।
अर्थ: ज्ञान प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
दोहा 23: जो जीवन में सत्य को जान ले, वही असली पथ पर अग्रसर हो।
अर्थ: सत्य की प्राप्ति ही जीवन का सही मार्ग है।
दोहा 24: अपने अंदर की सुन, बाहरी दुनिया से आगे बढ़।
अर्थ: आत्मनिरीक्षण से ही व्यक्ति प्रगति कर सकता है।
दोहा 25: दया से करो सबका भला, यही है जीवन का असली फल।
अर्थ: करुणा और दया से समाज में सुधार संभव है।
दोहा 26: सच्चाई की राह पर चल, भ्रम के धागे तोड़ दे।
अर्थ: सत्य का अनुसरण कर अंधविश्वास को त्यागो।
दोहा 27: मन में विश्वास रख, अपने कर्मों से दुनिया सजा।
अर्थ: आत्मविश्वास और कर्म से ही सफलता मिलती है।
दोहा 28: ज्ञान की रोशनी फैलाओ, अज्ञान के अंधेरों को मिटाओ।
अर्थ: ज्ञान ही सभी समस्याओं का समाधान है।
दोहा 29: जो भक्ति में खो जाए, उसका जीवन सदा मधुर हो जाए।
अर्थ: पूर्ण भक्ति से जीवन में शांति और आनंद प्राप्त होता है।
दोहा 30: रविदास का नाम ले, हर मन में उजाला फैल जाए।
अर्थ: संत रविदास का स्मरण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और प्रकाश आता है।
दोहा 31: सत्य की ज्योति जलाओ, अंधकार को दूर भगाओ।
अर्थ: सत्य से जीवन में उजाला आता है।
दोहा 32: प्रेम और करुणा का दीपक जलाओ, हर दिल में आशा जगाओ।
अर्थ: प्रेम से समाज में बदलाव होता है।
दोहा 33: ज्ञान की शक्ति से अज्ञान का अंत करो।
अर्थ: ज्ञान ही जीवन में प्रगति का आधार है।
दोहा 34: अपने कर्मों से स्वभाव सवारो, जीवन को सुंदर बनाओ।
अर्थ: कर्म ही व्यक्ति का परिक्षण है।
दोहा 35: भक्ति में विश्वास रखो, आत्मा की शुद्धता प्राप्त करो।
अर्थ: भक्ति से ही आत्मा की प्रगति होती है।
दोहा 36: आपसी भाईचारे से संसार सजाओ, द्वेष को हमेशा हटाओ।
अर्थ: भाईचारे से समाज में मेलजोल बढ़ता है।
दोहा 37: विनम्रता में ही महानता छिपी है।
अर्थ: विनम्रता से जीवन में सफलता मिलती है।
दोहा 38: प्रेम के पथ पर चलो, नफरत के बंधन तोड़ो।
अर्थ: प्रेम से ही विश्व में शांति आती है।
दोहा 39: आत्मा की पुकार सुनो, गुरु का मार्ग अपनाओ।
अर्थ: गुरु के उपदेश आत्मा को ज्ञान देते हैं।
दोहा 40: अपने अंदर की शक्ति को पहचानो, बाहरी बाधाओं को पार करो।
अर्थ: आत्म-ज्ञान से ही व्यक्ति मुक्त होता है।
दोहा 41: सत्य के साथ सदैव कायम रहो, झूठ से दूर भागो।
अर्थ: सत्य जीवन को उजागर करता है।
दोहा 42: गुरु की वाणी में छुपा है ज्ञान, सुनो और सीखो।
अर्थ: गुरु का उपदेश हमेशा प्रेरित करता है।
दोहा 43: प्रेम से करो सेवा, मन में रखो अहिंसा का संकल्प।
अर्थ: सेवा भाव से जीवन में आनंद आता है।
दोहा 44: हर दिन कुछ नया सीखो, जीवन को बेहतर बनाओ।
अर्थ: नित्य नया ज्ञान व्यक्ति को उन्नत करता है।
दोहा 45: समाज में फैला दो प्रेम का संदेश, अज्ञान को मिटाओ।
अर्थ: प्रेम ही समाज को मजबूत बनाता है।
दोहा 46: अपने कर्मों का हिसाब रखो, जीवन में संतुलन बनाओ।
अर्थ: कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है।
दोहा 47: भक्ति के मार्ग पर चलो, मन में सच्चाई को अपनाओ।
अर्थ: भक्ति से जीवन में शांति प्राप्त होती है।
दोहा 48: आत्मा की खोज में लग जाओ, बाहरी मोह से दूर रहो।
अर्थ: आत्मिक उन्नति ही सच्चा सुख है।
दोहा 49: अपने अंदर की आवाज सुनो, कर्म से जीवन संवारो।
अर्थ: आंतरिक आवाज ही सही मार्गदर्शक है।
दोहा 50: संत रविदास का नाम लो, जीवन में उजाला फैलाओ।
अर्थ: संत रविदास का स्मरण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।